इंसान कित्नाही बुरा क्यूँ ना हो , भगवन उसे गलती सुदारने के लिए एक फरिश्ता भेजता है।
लेकिन वो लोग अपनी गलती सुदारे बगैर फरीस्थों को भी अपने कर्मों से दुख पोहुचाते है।
मौका तो एक ही बार मिलता है। जो सुदर गए वोह सुदार्जाते है , और जो नहीं सुदर्ते उनको खुद भगवन भी नहीं बचा सकता है।
No comments:
Post a Comment